सुनील छेत्री अंतरराष्ट्रीय गोल स्कोररों की सूची में क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी से पीछे सक्रिय खिलाड़ियों में तीसरे स्थान पर हैं।
- संन्यास की घोषणा: सुनील छेत्री ने गुरुवार को भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम से संन्यास की घोषणा की।
- अंतिम मैच: छेत्री ने बताया कि कुवैत के खिलाफ मैच उनका राष्ट्रीय स्तर पर अंतिम मैच होगा।
- सोशल मीडिया पर घोषणा: छेत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें उन्होंने इस खबर की पुष्टि की।
- भावुक बयान: वीडियो में, उन्होंने अपनी भावनाओं को व्यक्त किया और जानकारी दी कि 6 जून को साल्ट लेक स्टेडियम में कुवैत के खिलाफ खेला जाने वाला मैच उनका अंतिम प्रदर्शन होगा।
- परिवार की प्रतिक्रिया: छेत्री ने अपने परिवार की प्रतिक्रिया साझा की, जहां उन्होंने बताया कि उनके पिताजी शांत और संतुष्ट थे, लेकिन उनकी पत्नी भावनात्मक थी।
- विचारधारा: उन्होंने अपने निर्णय पर विचार किया, मिश्रित भावनाओं की पहचान की, लेकिन अंततः विदाई के लिए तैयार महसूस किया।
- जिम्मेदारी का भाव: छेत्री ने अपने देश के लिए खेलने के लिए अपने निष्ठा को जारी रखा और इसके साथ होने वाले दबाव का उल्लेख किया।
- भावनात्मक संघर्ष: उन्होंने कभी-कभी भावनात्मक संघर्ष की मानी, लेकिन भारत को प्रतिष्ठित करने के लिए अपने प्रतिबद्धता में स्थिर रहे।
- कृतज्ञता: छेत्री ने राष्ट्रीय टीम के साथ खेलने और खेल का आनंद लेने के अवसर के लिए कृतज्ञता व्यक्त की।
- अंतिम विचार: उन्होंने कहा कि कुवैत के खिलाफ उनका अंतिम मैच खेलते समय वह खेल के प्रति अपना प्रेम साक्षात करेंगे और इस अवसर का आनंद लेंगे।
- पेशेवर यात्रा: छेत्री ने अपनी पेशेवर यात्रा पर विचार किए, राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करके संतुष्टि और संपन्नता व्यक्त की।
- खेल के प्रति जिम्मेदारी: उन्होंने खेल के प्रति अपना जिम्मेदारी बताया और भारत में फुटबॉल को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता का जिक्र किया।
- कठिनाइयों का सामना: छेत्री ने अपने करियर के दौरान की जटिलताओं को स्वीकार किया, क्षेत्र में और बाहर दोनों, लेकिन उन्होंने अभीनवता की खोज में अपनी मजबूती बनाए रखी।
- विरासत: उन्होंने वह विरासत का बारे में बात की और भारतीय फुटबॉल के भविष्य के लिए अपनी आशाएं व्यक्त की।
- समर्थन प्रणाली: छेत्री ने अपने सहकर्मी, कोच, प्रशंसकों, और उन सभी समर्थन प्रणाली का आभार व्यक्त किया जो उनके करियर के दौरान उनके साथ खड़े रहे।
- संघर्ष के बाद की योजनाएं: हालांकि उन्होंने सीधे रूप से अपने संघर्ष के बाद की योजनाओं का उल्लेख नहीं किया, लेकिन छेत्री ने भारतीय फुटबॉल में किसी भी प्रकार में योगदान करने की संकेत दिया।